THE SINGLE BEST STRATEGY TO USE FOR BAGLAMUKHI SHABAR MANTRA

The Single Best Strategy To Use For baglamukhi shabar mantra

The Single Best Strategy To Use For baglamukhi shabar mantra

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नानालङ्कार – शोभाढ्यां, नर-नारायण – प्रियाम् ।

यह मंत्र आपके शत्रुओं को शांत कर सकता है और आपके खिलाफ बनाई गई, उनकी दुष्ट योजनाओं को सफल होने से रोक सकता है।

- साधना अकेले में, मंदिर में, हिमालय पर या किसी सिद्ध पुरुष के साथ बैठकर की जानी चाहिए।

अपने गुरु से आज्ञा लेकर दंड विधान को प्रारम्भ कर दें, शीघ्र ही दुष्ट के किए हुए कर्मों की सजा माँ स्वयं दे देती है। मै एक ऐसे व्यक्ति को जानता हूँ, जिसका पूरा जीवन ही संघर्ष में निकल गया फिर भी वह परेशान था जब किसी भी मंत्र के प्रयोग से सफलता न मिल पा रही हो, तब ग्रामीण आंचल में प्रचलित माँ पीताम्बरा के शाबर मंत्र का प्रयोग करें- सुखद परिणाम मिलता है।

स्तम्भनास्त्र-मयीं देवीं, दृढ-पीन-पयोधराम् । मदिरा-मद-संयुक्तां, वृहद्-भानु-मुखीं भजे ।।

ॐ ह्रीं बगलामुखि! जगद्वशंकरी! मां बगले प्रसीद-प्रसीद मम सर्व मनोरथान पूरय-पूरय ह्रीं ॐ स्वाहा।

ऊँ ह्लीं बगलामुखीं ! जगद्वशंकरी! मां बगले! पीताम्बरे! प्रसीद प्रसीद मम सर्व मनोरथान् पूरय पूरय ह्लीं ऊँ

वज्रारि-रसना-पाश-मुद्गरं दधतीं करैः । महा-व्याघ्रासनां देवीं, सर्व-देव-नमस्कृताम् ।।३

In each and every human being, the identical self-ability exists as that energy, and that is existing in the body within a dormant condition on account of currently being surrounded by worldly attachments, misdeeds and five restrictors.

ॐ नम: सर्वांगं श्री बगलामुखी देवता check here प्रसाद सिद्धयर्थ न्यासे विनियोग:।

भगवती बगला के अनेक ‘ ध्यान’ मिलते हैं। ‘तन्त्रों’ में विशेष कार्यों के लिए विशेष प्रकार के ‘ध्यानों’ का वर्णन हुआ है। यहाँ कुछ ध्यानों का एक संग्रह दिया जा रहा है। आशा है कि बगलोपासकों के लिए यह संग्रह विशेष उपयोगी सिद्ध होगा, वे इसे कण्ठस्थ अर्थात् याद करके विशेष अनुभूतियों को प्राप्त करेंगे। चतुर्भुजी बगला

Baglamukhi Puja Advantages consist of protection and victory around enemies, managing the thoughts, removal of adverse energies and victory in Authorized Issues.

वैरि-जिह्वा-भेदनार्थं , छूरिकां विभ्रतीं शिवाम् । पान-पात्रं गदां पाशं, धारयन्ती भजाम्यहम् ।॥

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